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Wednesday 30 May 2018

स्टीव जॉब्स (Apple Company) की ये Success स्टोरी आपके जीवन को बदल कर रख देगी |

दोस्तों आज हम आपके साथ एक बहुत ही अच्छी Motivational Story Share करने जा रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूँ की आपको हमारे द्वारा लिखी हुई ये कहानी पसंद आएगी। ये कहानी थोड़ी बड़ी जरूर है इसलिए आप हमारे इस Page को Book Mark में Save कर लें। Friends आज हम Steve Jobs Life Story In Hindi में पढ़ेंगे।

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जब भी कभी दुनिया के प्रभावशाली लोगो का नाम आता है, उनमे एक नाम जरुर आता है स्टीव जॉब्स का। Apple Company के  Co Founder इस अमेरिकी को दुनिया सिर्फ एक Successful Entrepreneur , Inventor और  Businessman के रूप में ही नहीं जानती है बल्कि उन्हें दुनिया के अग्रणी Motivators और Speakers के रूप में भी जाना जाता है।

12 जून 2005 में स्टेनफोर्ड कॉलेज के दीक्षांत समारोह में ये भाषण दिया था।

मैं आज दुनिया के सर्वश्रेस्ट कॉलेज के  दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर गोरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। मैंने कभी कॉलेज पास नहीं किया। सच तो यह है कि मैंने कभी कॉलेज ग्रेजुएशन पूरा किया ही नहीं। मैं आज आपको अपने जीवन की तीन कहानिया सुनाना चाहता हूँ ..... जिन्हें सुन कर शायद आपकी जिंदगी बदल जाये.......... ज्यादा कुछ नहीं बस तीन कहानिया।

मेरी पहली कहानी है DOTS CONNECT के बारे में।

रीड कॉलेज में दाखिला लेने के 6 महीनो के अन्दर ही मैंने कॉलेज छोड़ दिया था। पर कॉलेज छोड़ने के 18 महीने बाद भी में कैसे भी करके कॉलेज जाता आता रहा।

अब सबाल ये उठता है की मैंने कॉलेज क्यों छोड़ा और मै कॉलेज क्यों जाता रहा। असल में इसकी शुरुआत मेरे जन्म से पहले की है। मेरी Biological माँ एक यंग अविवाहित कॉलेज स्टूडेंट थी, वो मुझे गोद लेने के लिए देना चाहती थी। पर मेरी माँ की ये इच्छा थी की कोई कॉलेज ग्रेजुएट ही मुझे अडॉप्ट करे।

सबकुछ Fix था मैं एक वकील और उसकी Wife के द्वारा अडॉप्ट किया जा रहा था। पर वकील दंपत्ति और उसकी Wife ने अपना Dicision बदल लिया उन्होंने कहा की उन्हें लड़की चाहिए।


इसलिए आधी रात को मेरे पेरेंट्स जो की मेरे लिए Waiting List में थे। उन्हें सूचित किया की हमारे पास एक Baby Boy है क्या आप उसे अडॉप्ट करेंगे ? और उन्होंने तुरंत ही हां कर दिया।

बाद में मेरी biological माँ को पता चला कि मेरी माँ कॉलेज पास भी नहीं है और मेरे पिता तो हाई स्कूल भी पास नही हैं। इसलिए मेरी Biological माँ ने एडॉप्शन पेपर Sign करने से मना कर दिया। पर मेरे पालन करने बाले माता पिता के कॉलेज भेजने के आश्वासन के बाद वो मन गयी।

तो मेरी Life की शुरुआत कुछ इस प्रकार हुई। 17 वर्ष की उम्र के बाद मैंने कॉलेज में प्रवेश लिया, पर गलती से मैंने स्टैनफोर्ड जितना ही महंगा कॉलेज चुन लिया था। मेरे Working Class माता पिता की पूरी जमा पूंजी मेरी पढाई में खर्च हो गई।

6 महीने बाद मुझे इस पढाई का कोई भी मूल्य नही नजर आया। मुझे समझ नही आ रहा था की में अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूँ और कॉलेज मेरी उसमे किस प्रकार मदद करेगा और ऊपर से में अपने माता पिता की पूरी जमा पूंजी दिन प्रतिदिन खर्च करते जा रहा था।

इसलिए मैंने कॉलेज से ड्रॉपआउट करने का निर्णय लिया सोचा जो होगा अच्छा ही होगा। पर उस समय ये मेरे लिए बहुत डरावना सच था। पर जब में Past में देखता हूँ तो मुझे लगता है कि ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा dicision था।

जैसे ही मैंने कॉलेज छोड़ा मुझ पर से अन्य क्लास करने का बोझ ख़तम हो गया , अब मैं चुप चाप अपने पसंद की क्लास Attempt करने लगा। 

पर ये सब भी इतना आसान नही था मेरे पास रहने के लिए कोई रूम नहीं था। और मैं अपने दोस्तों के रूम पर फर्श पर ही सो जाया करता था। मैं कोक से मिलने बलि बोतल को लोटाने का कम करता था। जिसके लिए मुझे मात्र 5$ ही मिलते थे। इसके अलाबा मैं अन्य काम भी करता था।

मैं सप्तेह में एक बार हरेकृष्ण टेम्पल जाया करता था, ताकि सप्तेह में एक बार भर पेट अच्छा भोजन खाना खा सकूँ। मैंने अपनी Life में जो भी अपनी Intuition और Curiosity के दम पर किया वो आंगे चल कर मेरे लिए priceless साबित हुआ।
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उस समय रीड कॉलेज दुनिया का एकमात्र स्थान था यहाँ सबसे अच्छी Calligraphy सिखाई जाती थी। क्योकि मैंने कॉलेज छोड़ दिया था इसलिए मुझ पर से सामान्य क्लास Attempt करने का बोझ ख़तम हो गया था।

अब मैं चुप चाप अपनी पसंदीदा Calligraphy की क्लास Attempt करने लगा। उस समय कंप्यूटर और टाइपराइटर पब्लिश में नहीं आया करते थे। इसलिए पूरी क्लास में हर पोस्टर हर एक लेवल खुबसूरत ढंग से हाथो के द्वारा लिख कर लगाये जाते थे। ये सब बहुत खुबसूरत और कलात्मक था मानो इसे Science के द्वारा Capture नहीं किया जा सकता हो। ये सब मुझे बहुत अच्छा लगता था।


उस समय मुझे जरा सी भी उम्मीद नही थी कि मैं इस ज्ञान का उपयोग भविष्य में कभी करूँगा। परन्तु जब हम 10 साल बाद मैकिनटोश ओप्रटिंग सिस्टम बना रहे थे। तब मैंने मैकिनटोश को डिजाईन करने में इसका उपयोग किया। और मैक beautifull typography युक्त दुनिया का पहला कंप्यूटर बन गया।

अगर मैंने कॉलेज से ड्रॉपआउट नहीं किया होता तो मैक में वो फॉण्ट होते ही नही जो होना चाहिए। चूँकि विंडो ने मैक की कॉपी करी थी शायद किसी भी निजी(persnol) कंप्यूटर में वो फॉण्ट होते ही नहीं, अगर मैंने कॉलेज से ड्रॉपआउट नही किया होता | 

पर जब मैं कॉलेज में था तब भविष्य देखकर डॉट्स कनेक्ट करना मुश्किल था। लेकिन 10 साल बाद जब में पीछे मुड़  कर देखता हूँ तो सब  साफ़-साफ़ नजर आता हैं। इसलिए ये विशवास करना होगा की अभी जो हो रहा है वो आगे चलकर कभी ना कभी आपके Future से जुड़ेगा। 
ये आपको उस समय आपके मन की आवाज सुनने के हिम्मत देगा जब आप कोई अलग रास्ते पर चल रहे होंगे। ''Thats Will Make The Diffrents''


मेरी दूसरी कहानी है Love And Loss के बारे में। 

मैं बहुत भाग्यशाली था। मैं जो करना चाहता था वो चीज मुझे बहुत जल्दी मिल गयी थी। वॉज  और मैंने एप्पल की शुरुआत मेरे पिताजी के गेराज से की थी। कड़ी मेहनत से एप्पल मात्र 2 लोगों और 1 कमरे से 4 हजार कर्मचारियों व 2 अरब डॉलर की कंपनी हो गयी थी।

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मैं 30 साल का हो गया था। जैसे जैसे कंपनी ग्रो हुई तो मैंने अपने से ज्यादा प्रतिभाशाली व्यक्ति को कंपनी में रखा मुझे लगा की वो मेरे साथ कंपनी  Run करेगा। 

पर हम दोनों के बीच मतभेद होने लगे और बात बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर तक जा पहुची और उन्होंने उसी का साथ दिया और मुझे कंपनी से निकाल दिया।


मुझे पब्लिकली निकाल दिया गया, मेरे Adult Life का जो फोकस था वो ख़तम हो गया था और ये सब बर्बाद कर देने बाला था। मुझे समझ ही नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ? मुझे लगा कि मैंने इतनी आसानी से ये सब Accept करके मैंने अपनी पहली पीढ़ी के Entrepreneures को नीचा दिखाया हैं।

मैं डेविड पैकर्ड और बॉब नॉयस से मिला और उनसे ये सब अचानक हो जाने पर माफ़ी माँगी। मैं बहुत बड़ा Public Failure था। कई बार तो मैंने कैलीफोर्निया छोड़ कर जाने की भी सोची। पर मुझे लगा मैं जो काम करता हूँ मैं आज भी उसके लिए Passionate हूँ। Apple में जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मेरे Passion में जरा सी भी कमी नहीं आयी हैं।

मैंने फिर से दुबारा शुरुआत करने की सोची और फिर मुझे महसूस हुआ कि एप्पल से निकालने से अच्छी बात मेरे लिए हो ही नही सकती थी ! Successful होने का बोझ अब Beginner होने के हल्केपन में बदल गया था। मैं एक बार फिर खुद को Free महसूस कर रहा था। इस बजह से मैं अपने Life के सबसे Creative Period में जा पंहुचा।


एप्पल से निकल जाने के अगले 5 साल बाद मैंने दो नयी कंपनी Next और Pixar शुरू की। इस दौरान मेरी मुलाक़ात एक Amazing Lady से हुई, जो आगे चलकर मेरी Wife बनी। एप्पल ने एक अपरित्यसित  कदम उठाते हुए Next को खरीद लिया और मुझे एप्पल में दुबारा वापिस ले लिया।

अब लॉरेन और मेरा सुन्दर सा परिवार है। अगर मुझे एप्पल निकाला नही गया होता तो मैं दो नयी कंपनी नेक्स्ट और पिक्सर शुरू नहीं कर पाता। ये सब अचानक हो जाना मेरे लिए एक बहुत ही कड़बी दवा थी शायद मरीज को इस दवा की जरुरत थी।

कभी-कभी जिंदगी आप को भी इसी प्रकार ठोकर मारती है। अपना विस्वास मत खोइए, मैं यकीन  के साथ कह सकता हूँ कि मैं अपनी जिंदगी में इसीलिए आगे बढ़ता गया क्योकि मैं अपने काम से प्यार करता था....   I Loved My Work.


आप अपनी जिंदगी में क्या करना पसंद करते हैं ? ये आपको ही Decide करना होगा। जिंदगी में Truly Satisfied होने का एक ही तरीका है, आप वो काम करें जिसे करना आप सच में पसंद करते हों।

मैं हर बार अपने जीवन में इसलिए कामयाब होता गया क्योकि मुझे अपने काम से प्यार था। जिस तरह अपने Love को Find करना जरुरी होता है। उसी तरह उस काम को ढूंढना जरुरी होता है, जिसे आप सच में बड़ा काम समझते हो। अगर आप को अभी तक वो काम नहीं मिला है, तो रुकिए मत ढूंढते रहिये। 

मेरी तीसरी काहानी हैं मौत के बारे में 

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जब मैं 17 Year का था तब मैंने एक Quote पढ़ा था जिसमें लिखा था-

''अगर आप Life का हर दिन ऐसे जिए, जैसे कि ये जीवन का आखीरी दिन  हो तो आप किसी ना किसी दिन सही साबित हो जायेंगे।''

इस Quote ने मेरे दिमाग में एक अलग इम्प्रैशन बना दिया। तब से मैं हर रोज सुबह उठ कर खुद को आईने के सामने देखता हूँ! और खुद से यही सवाल करता हूँ- ''अगर ये मेरे जीवन का आखीरी दिन होता तो क्या मैं आज वो करता जो आज करने वाला हूँ?''
जब लगातार कई दिनों तक जवाब नही रहा तो मैं समझ जाता हूँ कि कुछ बदलने बदलने की जरुरत हैं।

इस बात को हमेशा ज्याद रखना की मैं बहुत जल्दी मर जाऊँगा अपने Life के बड़े Decision लेने में मदद करता है। जब मैं मौत के बारे में सोचता हूँ तब सारे डर, सारे Pride, सारे Expectation, Fail होने का डर सभी ख़तम हो जाता है, और वो ही बचता है जो वाकई में जरुरी है। इस बात को हमेशा ज्याद रखना की एक दिन मरना है...... किसी चीज के खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप पहले से ही नंगे हैं आपके पास खोने को कुछ नही है ऐसा कोई रीज़न नही आप अपने दिल की ना सुने।

आज से करीब 1 साल पहले मेरी अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण मेरा इलाज हुआ। सुबह 7.30 बजे Scan किया गया जिससे पता चला कि  मेरे Pancreas में Tumer हैं। मुझे तो ये भी नही पता था कि Pancreas क्या होते हैं।


और डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे एक दुर्लभ प्रकार का Cancer है और मैं सिर्फ 3-6 महीने ही जीवीत रहूँगा। डॉक्टर्स ने मुझे सलाह दी की मैं घर जाऊं और अपना कारोबार व्यवस्थित कर लूँ। और कोशिश करूँ कि जो बातें मैं अपने बच्चो से अगले 10 सालों में करता वो अगले 3 से 6  महीनों में ही कर लूँ। 

उसके कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने मेरा दुबारा परिक्षण किया तथा पाया की मुझे एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो कि एक मामूली से ऑपरेशन से ठीक हो सकता है। मेरा ऑपरेशन किया गया और आज मैं ठीक हूँ। इससे पहले मैं कभी भी मौत के इतना करीब नही पहुचा था और उम्मीद करता हूँ की आने बाले कई दशकों तक नही पहुंचू। 

इस दुनिया में कोई भी मरना नही चाहता, जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैं वो भी मरना नही चाहते हैं। मौत जीवन का सबसे उपयोगी अविष्कार हैं। ये पुराने को हटा कर नए का रास्ता खोजती है। कुछ समय बाद आप भी पुराने हो जाएंगे और रास्ते से साफ़ हो जायेंगे, और ऐसा ही होना चाहिए। 

आपका जीवन सीमित हैं, आपका समय सीमित है इसलिए इसे दूसरो की जिंदगी जीकर व्यर्थ ना करिए। फ़ालतू की सोच में भी ना फसिये, औरौं के शौर में अपने अंदर के विचारों को ना दबाये वो पहले से ही जानते हैं कि आप क्या बनना चाहते हैं। 
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जब मैं छोटा था तब एक अदभूत  पब्लिकेशन- ''The Whole World Catalogue'' हुआ करता था जो उस समय की Bibles में से एक था। जिसे Stuart Brand नाम का एक व्यक्ति और उनकी Team चलाती थी।

Stuart ने इसमें अपना Poetic Touch देकर जीवन्त सा बना दिया था। ये उस समय की बात है जब कंप्यूटर, टिपेराइटर आदि पब्लिस में नही आते थे और सारा काम हांथो से टाइप करके वा कैमरा की मदद से किया जाता था।

उस समय गूगल व अन्य कोई सर्च इंजन भी नही हुआ करते थें। ऐसा लगता था जैसे कि गूगल को एक बुक के रूप में पृस्तुत किया गया हो। वो एक टूल था अच्छी सोच और महान विचारों से भरा हुआ।

Stuart और उसकी Team ने ''The Whole World Catalogue'' के कई Issue निकाले। अंत में एक आखीरी Issue निकाला जिसमे किसी गाँव की सड़क का चित्र बना हुआ था और उसमे लिखा हुआ था- ''Stay Hungry, Stay Foolish'' इसका अर्थ होता है - हमेशा ही भूखे तथा मूर्ख बने रहो।

ये उनका अंतिम मैसेज था। तब से मैंने आज तक अपने लिए यही Wish किया है और आज जब आप कॉलेज से निकल रहे हैं तो आपके लिए भी मैं यही विश करूँगा। (Stay Hungry, Stay Foolish)

इस आर्टिकल में हमने Steve Jobs Life Story In Hindi में पढ़ी। आपको हमारे द्वारा लिखी ये Story कैसी लगी ? अगर आपको ये Story पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ Social Sites पर जरूर साझा करें। 

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